Wednesday, March 18, 2009

हिन्दुओ के गढ़

हिन्दु विद्यार्थियों का गढ बने पश्चिम बंगाल के मदरसे पश्चिम बंगाल के मदरसों से एक चैंकानें वाला आंकडा सामने आया है। आमतौर पर मदरसों को इस्लामिक शिक्षा के स्कूल कहा जाता है वहीं पश्चिम बंगाल में ज्यादातर हिन्दू विद्यार्थी विज्ञान और प्रौद्योगिकी से हटकर इस्लामिक षिक्षा की और आकर्शित हो रहे हैंं। राज्य के चार मदरसो मे हिन्दू विद्यार्थियो की संख्या सबसे ज्यादा है। इनमे उतरी दिनाजपूर जिले का कासबा एम एम हाई मदरसा ,कूच बेहर का इकमुखा साफियाबाद मदरसा,र्बुवान का ओरग्रम चेतुसपल्ली हाई मदरसा और मिदनापुर का चन्द्रकोना हाई मदासा “ाामिल है।यहा हिन्दू विद्यार्थियो की संख्या 57 से 64 प्रतिषत है। पश्चिम बंगाल मदरसा शिक्षण बोर्ड के अध्यक्ष ‘ाोहराब हुसैन के अनुसार कासबा के 1077 मे से 618 ओरग्रम के 868 मे से 554 चन्द्रकोना के 312 और इकमुखा के 480 विद्यार्थियों मे से 290 विद्यार्थी हिन्दू है। उनके अनुसार मदरसे अब इस्लामिक शिक्षा के साथ अब आधुनिक शिक्षा पर भी जोर दे रहे है।42 मदरसो मे कम्पयूटर प्रयोगशालाए है। जिन्हे 2009 तक 100 तक किए जाने की उम्मीद है। करीब सौ से ज्यादा मदरसे व्यवसायिक शिक्षा जिनमें ट्रेलरिंग ही नही बल्कि मोबाइल तकनीक से जुडी शिक्षाए भी उपलब्ध करा रहे है। यहा कुल मिला कर 506 मदरसे है जिनमे से 2009 मे ही खुलने वाले मदरसो की संख्या 52 है। इनमे 17 प्रतिशत विद्यार्थी और 11 प्रतिशत शिक्षक गैर मुस्लिम है। चन्द्रकोना मदरसे के सह अध्यापक बिभास चन्द्र धुरई के अनुसार इस मदरसे के एक किलोमीटर के दायरे मे 7 स्कूल हैं। फिर भी लोग अपने बच्चो को यहा भेजते है। स्कूलो मे उन्हे 375 रु फीस देनी पडती है। वहीें मदरसो मे 110 रु ही फीस देनी पडती है। ‘ाोहराब हुसैन के अनुसार मदरसे विद्यार्थियों और उनके परिजनो का विश्वास पाने मे सफल हो चुके हैंं मदरसों के सर्टिफिकेट किसी अन्य राष्ट्रीय स्तर की परिक्षा के बराबर ही हैंं। इनका पाठयक्रम भी राज्य माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से अलग नही है।

21 comments:

sourabh said...

left ke liye ye buri khabar hai...trapti ji achhi aur chonkane wali jankari di hai aapne. mere kaam aayegi. thnx.
hum bhi blog lekhan kar rahe hai, padhiye jarur.
www.sarparast.blogspot.com

डा ’मणि said...

वैसे इसमे परेशान होने वला क्या है प्रगति जी

सूरज पे नहीं चांद पे , तारे पे नहीं है
चौखट पे किसी या किसी द्वारे पे नही है
है अपने बाजुओं पे , भरोसा बहुत मुझे
मेरी नजर किसी के , सहारे पे नही है


डा. उदय मणि

http://mainsamayhun.blogspot.com

Amit K Sagar said...

जारी रहें...

अभिषेक मिश्र said...

Bilkul nai suchna di aapne. shayad isse nhi donon samuday thode paaas aayein. Swagat.

वन्दना अवस्थी दुबे said...

मुझे तो इसमें कोई बुराई नहीं दिखती.. बहरहाल..लेख अच्छा बन पडा है..स्वागत है.

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) said...

jo bhi hai........accha hi hai......hinduon ko bhi kuchh naya jaanane seekhne ko mil jaaye shaayad........!!

के सी said...

वंदना जी की दूसरी बात से सहमत हूँ और साथ ही इस पोस्ट का समर्थन इसलिए भी क्योंकि ये चिंतामूलक ना हो कर चिन्तनामूलक है. प्रगति आपकी अगली पोस्ट की भी अब प्रतीक्षा रहेगी.

Sulabh Jaiswal "सुलभ" said...

स्वागत है आपका, ऐसे ही लिखते रहिये. धनयवाद.
- सुलभ जायसवाल ( यादों का इंद्रजाल )

Akhileshwar Pandey said...

कभी हिंदू बनेगा तो कभी मुसलमान बनेगा
नेता आखिर नेता है, कितना बेइमान बनेगा
धन्‍यवाद।

श्यामल सुमन said...

एक अच्छी सूचना और डाटा कलेक्शन। कुछ इसी प्रकार के धार्मिक समरसता की जरूरत है देश को। मुनव्वर राणा साहब कहते हैं कि-

ये देखकर परिदें भी हैरान हो गयीं।
अब तो छतें भी हिन्दू मुसलमान हो गयीं।।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com

RAJIV MAHESHWARI said...

आप के सभी लेख देखे है. आप का प्रयास काफी अच्छा है.
इसी तरह से लिखती रहे ..........
धन्यवाद
राजीव महेश्वरी
www.paharibaba.blogspot.com

gazalkbahane said...

आम तौर पर लोग ब्लॉग पर केवल अच्छा ,बहुत अच्छा,सुन्दर,बधाई लिख कर खुश करते हैं ,ब्लॉग पर सुझाव देना नाराजगी मोल लेना होता है।पर क्या करूं आदत से मजबूर लीजियेमैं ऐसा नही करता आप भी ऐसा न करने वाले ब्लॉगर बने। आपकी बात अगर ठीक है ्तो इस हेतु सोचना तब चाहिये जब वे मदरसे कुछ गलत शिक्षा दे रहे हों अगर सस्ते में वही पाठ्यक्र्म पढा रहे है तो क्या गलत बात है मदरसा,विद्यालय स्कूल स्ब का काम शिक्षा देना है ।हां कुछ उग्रवादियों ने इस नाम को बदनाम जरूर किया है।और अगर हिन्दू.मुस्लिम बच्चे साथ-साथ पढेंगे तो शायद बदलाव अच्छे के लिये आयेगा कुछ लोग समझने लगे हैं ,शायद बदलाव आएगा।हां ब्लॉगिंग पर स्वागत तो है ही वरना क्यों लिखता यह टिपण्णी।अभिनव प्रथम कदम पर बधाई
अगर कविता या गज़ल में रुचि हो तो मेरे ब्लॉग पर आएं
http://gazalkbahane.blogspot.com/
http:/katha-kavita.blogspot.com
सस्नेह
श्यामसखा‘श्याम’
हां अच्छा ओ कि वर्ड वेरिफ़िकेशन हटा दें

उम्मीद said...

welcome pragati keep writting

sandhyagupta said...

Blog jagat me aapka swagat hai.
word-verification hata den to tippani karne me suvidha hogi.

दिगम्बर नासवा said...

कोई बुराई वाली बात नहीं है.........
जब तक ऐसे लोग समाज को बांटने वाली बात न करें

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

एक तरह से देखा जाए तो इसे एक सुखद प्रयास कहा जा सकता है......शायद इसी बहाने आपसी सौहार्द कायम हो सके......

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

narayan narayan

रवीन्द्र प्रभात said...

चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है .नियमित लिखते रहें इससे संवाद-संपर्क बना रहता है , ढेर सारी शुभकामनाएं !

नीरज मुसाफ़िर said...

स्वागत है जी आपका ब्लॉग जगत में.
बस ऐसे ही लिखती रहो.
और हाँ, ये वर्ड वेरिफिकेशन हटा दो. टिप्पणी पोस्ट करने में दिक्कत होती है.

Sanjay Grover said...

वैसे मुझे तो साहिर का लिखा पुराना गाना याद आ गया:-

तू हिंदू बनेगा न मुसलमान बनेगा
इंसान की औलाद है इंसान बनेगा

mayank.k.k. said...

jadi bootiyon ka anusaran karne ke liye dhanyawad
iske liye jaagrukta failaane ki jaroorat hai
jai hind
alka mishra